जय पोहलानी माता, जय काली माता !
दरसन ये तुम्हारा , माँ सबको भाता !!
रूप निराला है माता , मन्दिर ये निराला है माता !
रहती पहाड़ों पर माता , बसती दिलों में हैं माता !!
सुन्दर सुखद सुहावन पर्वत , अद्भुत लगता है माता !
वैली सुन्दर पुष्प ये माता , धवल रूप में अति है भाता !!

पोहलानी माता
रावी, व्यास , चिनाब ये नदियाँ , अद्भुत प्रकृति है माता !
प्रदेश हिमांचल जिला में चम्बा , डलहौजी पहाड़ी डैनकुण्ड में हो माता !!
भक्तों की भीड़ अजब है माता , भक्ति का सुन्दर है नाता !
मेला लगता अजब ही माता , सब भक्तों को पास बुलाता !!
जय पोहलानी माता , जय काली माता !
भक्तों की इच्छा , करती पूरी माता !!
जो माता के दरबार में आता !
खाली झोली भर कर जाता !!
माँ की महिमा, भक्त हेमन्त है गाता,
माँ के चरणों में , सदा शीश झुकाता!
जय पोहलानी माता , जय काली माता !
दर्शन ये तुम्हारा , माँ सबको भाता !!

Pohlani mata temple
!! जय माँ पोहलानी देवी की !!
कवि – हेमन्त पाण्डेय ( अमेठी ) इसके रचियता उत्तर प्रदेश से रहने वाले एक प्रतिष्ठित कथाकार हैं।
9082747967
पोहलानी माता की पूरी कहानी पढें यंहा
ऑनलाइन पत्रिका भारत का खजाना में पढ़िए नवरात्रि विशेष में जिला चम्बा के प्रसिद्ध मंदिर पोहलानी माता की ये कथा। जय माता दी।
जै माता पोहलानी, जय जय माँ।