हिंदी शायरी/अजय
* सबूत हर इक बात का, देना पड़ रहा है…* *भरोसा वाक़ई, बुरे दौर से गुज़र रहा है.!!!* दौर बुरा ही सही...
Read Moreby bharatkakhajana | Feb 18, 2018 | शायरी | 0 |
* सबूत हर इक बात का, देना पड़ रहा है…* *भरोसा वाक़ई, बुरे दौर से गुज़र रहा है.!!!* दौर बुरा ही सही...
Read Moreby bharatkakhajana | Dec 28, 2017 | शायरी | 0 |
नया साल ——– कुछ खट्टे कुछ मीठे कुछ तीखे से गुजर ही गये हालाँतों को पीते अपनो में...
Read Moreby bharatkakhajana | Aug 1, 2017 | शायरी | 3 |
पल कोई भी हो हर पल आपका ख़याल रहता है…! तुम ज़िंदगी में क्यों न हो दिल को ये मलाल रहता है…! तुमसे...
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 31, 2017 | शायरी | 2 |
1) जाते जाते कोई दिल को पत्थर कर गया अब ये दिल किसी के लिए धड़कता ही नहीं। 2) वफादार ओर तुम ख्याल...
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 27, 2017 | शायरी | 6 |
1) मुझे नींद की इजाज़त भी उनकी यादों से लेनी पड़ती है, जो खुद आराम से सोये हैं मुझे करबटों में छोड़...
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