राखी/सुरेश भारद्वाज निराश
राखी कच्चे धागों का त्योहार राखी भाई-बहन का प्यार राखी रिश्तों का बन्धन है ये सच्चा इक संस्कार...
Read Moreby bharatkakhajana | Aug 3, 2020 | कविताएं | 0 |
राखी कच्चे धागों का त्योहार राखी भाई-बहन का प्यार राखी रिश्तों का बन्धन है ये सच्चा इक संस्कार...
Read Moreby bharatkakhajana | Aug 3, 2020 | कविताएं | 0 |
राखी कच्चे धागों का त्योहार राखी भाई-बहन का प्यार राखी रिश्तों का बन्धन है ये सच्चा इक संस्कार...
Read Moreby bharatkakhajana | Aug 3, 2020 | कविताएं | 0 |
*कच्चे धागे का बन्धन* बहना ने भाई की कलाई को सजाई है। सजी धजी है बहना, खूब देती बधाई है।।...
Read Moreपूर्व और पश्चिम पतित हुआ जो भूला पूर्वभौतिकता में मस्त हुआ।चढ़ता गया पूर्व में सूरजपश्चिम पहुंचा...
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 24, 2020 | विजय दिवस | 0 |
शहादत, बहादुरी की उत्कृष्ट परिभाषा है ‘कारगिल विजय’ भारत वीरों की भूमि है हम मुगलों,...
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 24, 2020 | देशभक्ति, विजय दिवस | 0 |
.©”नमन रंणबांकुरों” . . दो दशक हो गया पर,वह मंज़र याद है। हर एक ज़ख़्म याद है,हर खंज़र...
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 23, 2020 | विजय दिवस | 0 |
कारगिल दिवस देसारे तिन्हां मुरीदां जो औआ मिली ने याद करिए कारगिल दे शहीदां जोऔआ मिली ने याद करिए....
Read Moreby bharatkakhajana | Jul 23, 2020 | कविताएं | 0 |
“रावी”कलकल बहती ये रावीसबके मन को मोह लेती ये रावीसरगम के सुर छेड़ती ये रावीप्रेम रस का...
Read Moreby bharatkakhajana | May 10, 2020 | Miscellaneous, कविताएं | 0 |
*रक्तबीज कोरोना* ============= बाहर मंडराता *रक्तबीज कोरोना* का खतरा दु:खद है । घर ही बना है अब...
Read Moreby bharatkakhajana | May 9, 2020 | कविताएं | 0 |
प्रकृति जहाँ जाने के बाद वापस आने का मन ना करे जितना भी घूम लो वहाँ पर कभी मन ना भरे हरियाली, व...
Read Moreby bharatkakhajana | May 9, 2020 | कविताएं | 0 |
*महामारी और प्रकृति* ================ कोरोना वायरस ने कैसा इतिहास रच डाला । पूरी दुनिया को...
Read Moreby bharatkakhajana | Apr 13, 2020 | कविताएं | 0 |
भ्रमित इंसान इंसान इंसान से दूर हुआ, मैं ही हूँ बस इक मैं ही ये भ्रम भी अब चूर हुआ, नतमस्तक...
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