देश के वीर सैनिकों को समर्पित मेरी ये कविता। जय महाकाल की जय हिन्दुस्तान की।
ना’पाक’ पाकिस्तान
सरहद पर हर बार तूने पाप किया,
काम हर बार तूने ना’पाक’ किया।
नेकी हमारी जो हर बार माफ़ किया
पर नहीं क्षमा याचना अब बस रण होगा
मिटा कर तेरा वजूद हे पाकिस्तान
पूरा हर सैनिक का ये प्रण होगा।
बिगड़ेंगे जिस दिन भक्त महाकाल के
बस धरती ना’पाक’ पर हर तरफ सर-मुंड होगा
न तू होगा न तेरा नामों निशां होगा
बस हर तरफ शेरे हिंदुस्तान होगा।
क्या बात करता है तू कश्मीर की
फ़िक्र कर तू इस्लामाबाद की
बिगड़ गए जिस दिन भक्त महाकाल के
उस दिन भयानक ये मंजर होगा
पाकिस्तान में सिर्फ लाशों का समंदर होगा
न तू होगा न तेरा नामों निशा होगा
कराची में लहराता प्यारा ये तिरंगा होगा। कहता है “आशीष” तुमसे
मेरे देश के वीरो का सपना ये साकार होगा
कश्मीर तो अपना है इस्लामाबाद भी हमारा होगा।
✍?✍?आशीष बहल
चुवाड़ी जिला चम्बा
9736296410