कोहरे में लिपटी है जिंदगी मैरी
कोहरे में लिपटी है जिंदगी मैरी
सर्द रातों मे जैसे खोज रहा हूँ जिंदगी मैं
जाड़ो के सुहाने मौसम जिंदगी वीरान हुई है
यादों की बारिश बूंद बूंद कर टपक रही है
सुबह की ओस किरणो के साथ ख़त्म
जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया हो मैरी जिंदगी मे
यादों की बर्फ जमी रहे उम्मीद के साथ
आएँगे वो सुनहरे मौसम फिर उम्मीद के ,
बीते हुवे लम्हों पे हम आज भी गुजारा कर लेते है
रोज़ जी रहा हूँ रोज़ मर रहा हूँ
कोहरे मे लिपटी है जिंदगी मैरी
सर्द रातों मे खोज रहा हूँ जिंदगी मैं
रुका हुआ है फासला वक्त का आज भी
घड़ी ने तय किया है वक्त मैरा
सुनेहरा वो यादें भुला नही आज भी
पोटली बंदी है यादों की जहन में अब भी
उड़ रही धूल यादों का रोज़ रोज़ यहाँ
गुजरे वक्त का मंजर देख ले कोई तो आँख भर आयेगी
नजर आता है रोज़ सितारों का टूटना
देख कर कुछ चुभन ऐसे होती है पुरा हुआ वहजैसे सपना
कोहरे में लिपटी है जिंदगी मैरी
सर्द रातों में जैसे खोज रहा हूँ जिंदगी में
राम भगत..किन्नौर
9816832143