तुम कब आओगे……
तुम कब आओगे यहाँ
सितारों की गर्दिश में फँसा हुवा हूँ
तुम्हारे बिना बिल्कुल टूट गया हूँ
मंजिलें पास है पर दिखता कुछ नही
क़दम चलता है पर राह दिखता नही
ये आसमन के चाँद सितारे गवाह है
खुली हवाओं में उड़ने वाले पक्षिया गवाह
में बिल्कुल टूट चुका हूँ
तुम्हारे लौट आने का इंतजार है
तुम कब आओगे यहाँ
सितारों की गर्दिश में फँसा हुवा हूँ
आओ एक बार
ना होगी कोई गलती फिर बार बार
तुम्हारे आने से दिल् को सुकून मिले
सुन शान दिल में फिर से प्यार के फुल खिले
तुम कब आओगे
सितारों कर गर्दिश में फँसा हुवा हूँ
राम भगत