होली आई रे….
रंग बिरंगी होली देखो
मस्तानों की टोली देखो।तिरछी नज़र ग़ज़व करे
भीगी चुनरी चोली देखो।नैन शरावी गाल गुलावी
पिया की अब हो ली देखो।देख शर्म से झुकी हैं पलकैं
घूंघट के पट खोली देखो।नज़र झुकाये गुलाल उड़ाये
हाथ में चन्दन रोली देखो।सलोनी सूरत जादू करती
आँखों से कुछ बोली देखो।होंठ रसीले नयन नशीले
सूरत बिलकुल भोली देखो।टकटकी लगाये है वोह
किसमत मेरी खोली देखो।सौंदर्य की अनुपम मूरत
रंगों में है रंगोली देखो।इतनी प्यारी महक विखेरे
गंगा जल से धो ली देखो।नींद में जैसे उन्नींदी आँखें
जगते जगते सो ली देखो।प्रेम रस वरसायें कान्हां
उठे भक्ति की डोली देखोकृष्ण कन्हैया देवनहार हैं
भर दी सबकी झोली देखो।मस्त निगाहें दिल लूट लें
निराश करे ठठोली देखो।सुरेश भारद्वाज निराश
धौलाधार कलोनी लोअर बड़ोल
पीओ द़ाड़ी धर्मशाला हिप्र 176057
मो० 9418823654
होली आई रे/सुरेश भारद्वाज निराश

बहुत सुन्दर प्रकाशन इटालिक फोंट में आभार आशीष जी….होली की बधाई।