रंगो की होली
काला पिला हरा नीला !
तन मन सब हो जाये गीला !
वसंत ऋतु अब आई है !
रंगो को साथ लाई है !
बच्चे बुढ़े और जवान !
खुशियों में झूमे सब इंसान !
कोई हाथों से है रंग लगाता !
कोई पिचकारी का करे इस्तमाल !
रंगो के नशे में सभी चूर है !
आज इस त्यौहार में अब कोई ना मजबूर है !
भेद भाव को सबने छोड़ा है !
कोई भी आज बिना रंगो का पड़ा है !
मोटर गाड़ी और स्कूटर !
और ना बचा है कोई दुकान का शटर !
रंगो से सब लाल हुवे है !
ऐसा आज कमाल हुवा है !
प्यार के रंगो में सब आज रंग पड़े है !
दुख और सुख को आज सब भूल पड़े है !
विक्की अंजू मंजू और प्रिया
सबने मुझे रंगों से रंग दिया
ये है वसंत का त्यौहार !
जो आये वर्ष में एक बार !
राम भगत.किन्नौर
सब को होली मुबारक ,,,