नजर में कहाँ अब नजारे बचे है
कहाँ दिन खुशी के हमारे बचे है
लगा ही लिया था गले मौत ने भी
दुआओं के ही हम सहारे बचे है
हुआ हादसा ज़िन्दगी से कुछ ऐसा
फकत याद के ही उजाले बचे है
कदम मौत को बढ़ रहे रफ्ता रफ्ता
जलाने को तेरे शरारे बचे है
बसी थी मेरे दिल मे जो तेरी मूरत
मेरे दिल मे उस के शिवाले बचे है
तलाशे वफ़ा में हुऐ दर बदर हम
महज आँसुओ के हवाले बचे है
( लक्ष्मण दावानी ✍ )
Very Very Quiet Lines Sir
???? I Liked
नावाजिशो का तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय बहुत आभार ??