अधूरी कहानी
मुहब्बत अधूरी नहीं होती
मुहब्बत किसी की पूरी भी नहीं होती
अधूरा होता है हमारे विचार
अधूरा होता है हमारी सोच
समय एक जैसा नहीं होता
मुहब्बत हर किसी से नहीं होता
मुश्किल है किसी के दिलों को समझना
जब समझने लगते है तब तक बहुत देर होती है
फालतू है विचारोँ में रोज पढ़ना
मुहब्बत कैसी भी हो उसे जरूर निभाना
गलतफमियों में है आज पूरा जमाना
मुहब्बत को कभी ना आजमाना
कर बंदे मुहब्बत जी जान से
माँ बाप बहन सारा जहान से
मैरा तेरा कर सब यहां रह जायेगा
रिश्तों के डोर को तू कब निभायेगा
भूल जाओ सारी गुस्ताखीयां तुम भी
आओ मुहब्बत की अधूरी कहानी फिर से पूरा करे
राम भगत किन्नौर
रिश्तों को सुंदर बनाते रहे
कोई रूठ जाये मनाते रहे
रिश्तों को सुंदर बनाते रहे
कोई दूर जाये बुलाते रहे
रिश्तों में मजबूतीयां बनाते रहे
फिर नहीं मिलेगी ये इंसानी रूह
सब से मिल जुल कर रह इंसान तू
कितना वजन और उठाना है
भ्रष्टाचार और बेरोजगारी क्या कम है
हाथ से हाथ मिला सबको अपना बना
रोज उलझे है हम जिंदगी को स्वर्ग बना
हार जीत सफल असफल जिंदगी के रंग है
हर पल एक नया रंग बना
दर्द दवा दोनों को अपना बना
दूर जा कर क्या मिला है
अपनों में ही सुकून है
सुकून में अपनों को खोजो जो रूठे है
कोई रूठे तो मनाते रहे
रिश्तो को सुंदर बनाते रहे
राम भगत किन्नौर