गीत
गीत नया कोई गाओ तो
संग मेरे मुस्काओ तो
बहके बहके कदम तुम्हारे
पास मेरे रुक जाओ तो
बन जाओ तुम मेरे साकी
कभी लवों से पिलाओ तो
क्या है तेरे मन में मितवा
मुझको भी समझाओ तो
माना दिन सी उजली हो
चान्दनी में भी नहाओ तो
गम मेरे बस मेरे रहेंगे
अपनी खुशी बचाओ तो
संग सबके हंसती रहती
कभी मुझे भी हंसाओ तो
सब तेरे यह जग है तेरा
मुझे भी आजमाओ तो
आ सकूँ मैं काम देश के
कोई एसी राह दिखाओ तो
कौन है मेरे दुख का साथी
मीत तुम्हीं बन जाओ तो
तन्हा तन्हा कट रही है
साथ मेरा निभाओ तो
मैं सूरज की गरिमा हो जाऊँ
चांदनी तुम हो जाओ तो
तेरी खातिर जीना चाहूँ
जीना मुझे सिखाओ तो
अबके बिछड़े कब मिलेंगे
निराश कुछ बतलाओ तो
सुरेश भारद्वाज निराश
धौलाधार कलोनी लोअर बड़ोल
पी ओ दाड़ी धर्मशाला हि प्र
176057
मो० 9805385225
आभार भारत का खजाना