लो खो गये चन्द शे’र लिखे मेरी ग़ज़ल के
उनको थे पसन्द शे’र लिखे मेरी ग़ज़ल के
सुनता न था ज़माना हम किसे जा
सुनाते
देत कुछ आनन्द शे’र लिखे मेरी ग़ज़ल के
इक खुली किताब था किरदार मेरा दोस्त
किये उसने दिल में बन्द शे’र लिखे
मेरी ग़ज़ल के
आया न समझ हमको वो उनका रूठ जाना
मुश्किल न थे हरचन्द शे’र लिखे मेरी ग़ज़ल के
हासिल हुई न मुड़ कर रहमत उस
खुदा की
लो टूटी जब कमंद शे’र लिखे मेरी ग़ज़ल के
कभी इतफ़ाक न था उनको मेरी दलील पर न कर पाये रज़ामंद शे’र लिखे मेरी
ग़ज़ल के
रचना:——
शक्ति
हिमाचल प्रदेश।