???आओ माँ???
अंध कूप सा हृदय हमारा;
ज्योति तुम बन जाओ माँ।
दंभ – द्वेष, छल ने घेरा है ;
राह तुम्हीं दिखलाओ माँ।।
असुरों ने भय तुमसे खाया;
धर्म ने जीवन तुमसे पाया।
हम मतिमंद अपावन निशदिन;
किरपा कर अपनाओ माँ।।
पल पल अटकूँ इत उत भटकूँ;
दर दर माँ सिर अपना पटकूँ।
मेरी वारी कब आयेगी ;
ऐसे ना ठुकराओ माँ ।।
अनगिन पापी तुमने तारे;
अनगिन तुमने पार उतारे।
अनिल की जीवन नइया डोले;
अब तो पार लगाओ माँ।।
? सुप्रभातम् ?
?? पं अनिल??
अहमदनगर महाराष्ट्र
? 8968361211
जय माता दी…