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“राजनीति व्यवसाय ”
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राजनीति नेताओं का
व्यवसाय हो गया है..!
कोई पैसे ले वोट
दे रहा है,
कोई वोट दे
पैसे ले रहा है..!
सबके काम होंगे
नेता कह रहा है,
पर काम तो ,
चेहतों का हो रहा है…!
यहाँ तो बड़े बड़ों
का ध्यान हो रहा है,
ग़रीब तो परेशान हो रहा है..!
अमीर पैसे ले वोट दे रहा है
ग़रीब दिलासे से दे रहा है,
नेता डरा कर रह रहा है
ग़रीब डर कर रह रहा है…!
ग़रीब रोटी के लिए
शोर कर रहा है,
अमीर टिकट के
लिए दौड़ कर रहा है…!
नेता पैसे लगा जितने
का प्रयास कर रहा है,
जीत गया तो अपना
विकास कर रहा है…!
सोचो ज़रा क्यूँ कोई
पैसा बर्बाद कर रहा है..!
राजनीति में भी व्यवसाय
की तलाश कर रहा है,
बन नेता घर भर रहा है,
रातों रात करोड़ बन रहा है..!
|||||||||||〽~~उत्तम सूर्यवंशी
किहार चंबा हिमाचल
मो. न. 8629082280
क्या बात सुन्दर कटाक्ष