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मुझको प्यारे मेरे शिक्षक।
तारणहारे मेरे शिक्षक।।
दूर अज्ञान तिमिर होता है।
देख सँहारे मेरे शिक्षक।।
धीरे धीरे खूब सिखाते।
साँझ-सकारे मेरे शिक्षक।।
हैं आदर्श हमारे प्यारे।
हैं उजियारे मेरे शिक्षक।।
सच्चरित्र सच्चे सज्जन हैं।
सबसे न्यारे मेरे शिक्षक।।
अक्षर की पहचान कराते।
सा रे गा रे मेरे शिक्षक।।
शुभ्र मति उज्ज्वल चरित्र हैं।
देखो सारे मेरे शिक्षक।।
शिक्षक-शिष्य अनूठा नाता।
नेह पसारे मेरे शिक्षक।।
मात-पिता सम्बन्धी कुदरत।
सारे प्यारे मेरे शिक्षक।।
कोयल बाज पपीहा चींटी।
पंछी सारे मेरे शिक्षक।।
धरती झरने नदिया जंगल।
अंबर तारे मेरे शिक्षक।।
अक्षर बोध कराने वाले।
जग से न्यारे मेरे शिक्षक।।
हे शिक्षक! शिक्षक ही रहना।
लगते प्यारे मेरे शिक्षक।।
श्याम फलक पर देखूँ सारे।
शब्द उतारें मेरे शिक्षक।।
हल्दीघाटी और हड़प्पा।
शिव-केदारे मेरे शिक्षक।।
मंदिर मस्जिद से पावन हैं।
गुरुद्वारे मेरे शिक्षक।।
दुनिया को भगवान बनाते।
मगर सँवारें मेरे शिक्षक।।
नित्य ‘नवीन’ बनाए रखते।
सरजनहारे मेरे शिक्षक।।
नवीन शर्मा
गुलेर-कांगड़ा
176033
?9780958743