जय हिन्द
याद में फिर हुई है नम मुल्क की मिट्टी
कर रही वीरो का मातम मुल्क की मिट्टी
देख कर शव लिपटे तिरंगे में जवानों के
आज फिरसे हुई पुरनम मुल्क की मिट्टी
आँसू पी कर के शहीदों की बेवाओं के
बन चुकी है सुर्ख मरहम मुल्क की मिट्टी
पूछ कर देखो जवानों के लहू से तुम
सोने चांदी से नही कम मुल्क की मिट्टी
जिस्म घायल और बहता ये लहू कहता
गोद मे तेरी नही गम मुल्क की मिट्टी
कर न पायेगा जुदा धर्मो के नामो पर
है सभी धर्मों का संगम मुल्क की मिट्टी
कैसे भुला सकते हैअपने वतन को हम
दिल मे है मेरे ये हर दम मुल्क की मिट्टी
( लक्ष्मण दावानी ✍ )
14/8/2017
आई – 11 पंचशील नगर
नर्मदा रोड (जबलपुर म,प्र,)
बहुत खूब.. जय हिंद..
नावाजिशो का तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय बहुत आभार