अल्फाज बदल जाते है..
अल्फाज बदल जाते है
जब चाहत ख़त्म हो जाती है
बहाने ढ़ूंढ़ते है कैसे दुरीया बने
और अल्फाज बदल जाते है
रोज़ नई तकलीफ दिल को होती है
जब बहाने बनाते है वे कैसे दुरीया बने
दर किनार कर दिया है अब
बस सिर्फ साथ होने का दिखावा बचा है
अल्फाज बदल जाते है
जब चाहत ख़त्म हो जाती है
मिलों या ना मिलों हमसे
अब कोई शिकायत नहीं
इस तरह अल्फाज बदल कर
दिल को तार तार ना करो
ना शिकायत करूँगा
ना कोई गीला शिकवा करूँगा
यादें बहुत है आज भी तेरी
यादों के सहारे ही दिल को मना लूँगा
मत घबराओ तुम मेरे रूह से
अब कभी सामने नहीं आयेगा
तेरी गलियों में अब
मेरी साया भी ना होगा
अल्फाज बदल जाते है
जब चाहत ख़त्म हो जाती है
राम भगत
बहुत खूब….