“छोटी बातें”
छोटे मन की छोटी बातें,
छोटा करती छोटी बातें।
पीड़ पराई देखी जब-जब,
भूल गई सब छोटी बातें।
अपना स्वार्थ करा देता है,
हम सबसे ही छोटी बातें ।
लोग बड़े भी करते देखे,
अकसर मैंने छोटी बातें।
घर-घर में हैं रसती बसती,
कितनी छोटी छोटी बातें।
छोटी बात समझ कर छोटी,
जी बहलाती छोटी बातें ।
और बड़े से निर्णय लेकर,
हैं मिट जाती छोटी बातें ।
खा जाते हैं औरों को कुछ,
कह करके ही छोटी बातें।
मन को तेरे करती छोटा,
मत कर मत कर छोटी बातें।
तोड़ दिया करती सब रिश्ते,
छोटे मन की छोटी बातें ।
छोटी बात करे जो कोई,
कर दो प्यारी छोटी बातें।
कीचड़ में मत कंकड़ फेंको,
छोड़ो छोटी छोटी बातें ।
छोटी-छोटी खुशियाँ लातीं,
बेशक छोटी-छोटी बातें ।
हर उलझन को सुलझाती हैं,
प्यारी-प्यारी छोटी बातें ।
नित्य नवीन बनाए रखती,
समझो छोटी-छोटी बातें ।
नवीन शर्मा ‘नवीन’
गांव/पत्रालय-गुलेर
तहसील-देहरा गोपीपुर
जिला-काँगड़ा (हि.प्र.)
९७८०९५८७४३
सुन्दर. सृज़न।
Nice one