,सलिल बचाओ
सलिल जीवन है अनमोल बचाना इसे।
व्यर्थ में ना कभी भी बहाना इसे।।
आज नदिया की धारा कहर कर रही,
भूल मुझसे कहीं न कहीं हो रही।
पान कर पीयूष तृप्त हो जा मनुज,
याचना सारी तेरी विफल हो रही।।
अपने कर्त्तव्य सबको करना सही,
सलिल को बचाना मेरा काम है।
Dr. Meena kaushal
U. P.
Gonda
Nice one