ताँका/ टी सी सावन Posted by bharatkakhajana | Jun 24, 2017 | कविताएं | 0 | ~ ताँका ~ ^^^^^^^^^^^^^^ ‘मंडरा रहे कजरारे बादल उमड़ आई घनघोर घटाएँ बरसेगा सावन..।’ ~~〽सावन