“गीत”
निकली दुर्गा शेर-सवारी ,
जाग गई भारत की नारी।
खुशियों से हर पेड़ फलेगा,
कैसे तीन तलाक पलेगा ;
अब न चलेगी ठेकेदारी ।
जाग गई भारत की नारी ।।
देव-खुदा को घर में जपना,
पूरा हो बेटी का सपना;
मानवता से प्रीत हमारी।
जाग गई भारत की नारी।।
दिल से नशा भगाना होगा,
मन को स्वर्ग बनाना होगा;
चढ़ी रहे अब नाम-खुमारी।
जाग गई भारत की नारी।।
शक्ति से बढ़कर नहीं दूजा,
‘नवीन’ होगी घर-घर पूजा ;
यही रही पहचान हमारी।
जाग गई भारत की नारी ।।
निकली दुर्गा शेर-सवारी ।
जाग गई भारत की नारी ।।
नवीन हलदूणवी
09418846773
काव्य-कुंज जसूर-176201,
जिला कांगड़ा , हिमाचल।